The Bhramjaal में एक बार फिर आपका स्वागत है। [ Punarjanm ka bhramjaal] आज की चर्चा में हम जानेंगे कि पुनर्जन्म अवधारणा का भ्रमजाल क्या ह...
The Bhramjaal में एक बार फिर आपका स्वागत है। [Punarjanm ka bhramjaal] आज की चर्चा में हम जानेंगे कि पुनर्जन्म अवधारणा का भ्रमजाल क्या है? Is rebirth possible? क्या मृत्यु के बाद जीवन संभव है?
वर्षों से मृत्यु के बाद जीवन एक भारतीय मान्यता बनी हुई है। इस पर हजारों कहानियां गढ़ी जा चुकी हैं। इस विषय पर 2016 में Hollywood से Rebirth नाम की एक Movie भी बनी थी, आप में से कई लोगो ने उसे देखा भी होगा। आम जनमानस के लिए पुनर्जन्म का रहस्य आज भी बरक़रार है।
भारत में किसी से पुनर्जन्म (Rebirth) के कारण पर बात करिए। तब लोग Aatma की बात करने लगते हैं। और जब आत्मा को Explain करने को कहो तो वो Energy पर जा कर टिक जाते हैं। कई लोग तो चेतना की दलील भी सामने रख देते हैं। बहरहाल भारत में इस अटकल बाज़ी से सभी परिचित है। यहां आपको पुनर्जन्म (Rebirth) पर विश्वास करने वाले करोड़ों मिल जाएंगे। लेकिन Zindagi Na Milegi Dobara समझने वाले गिनती के हैं।
Punarjanm | हिंदू धर्म में पुनर्जन्म का भ्रम
हिन्दू धर्म को मानने वाले साधारणतः Punar Janam (Rebirth) को बेहद आसानी से मान लेते हैं कि इंसान 84 लाख योनियों में जन्म लेता है, तो हो सकता है कि आज जो इंसान है, वह अगले जन्म में कुत्ता हो। या जो पिछले जन्म में बंदर था, वह इस जन्म में इंसान हो गया हो। है तो यह भी पुनर्जन्म (Rebirth) ही लेकिन Technically इस शब्द को इंसान के पुनर्जन्म (Rebirth) विषय पर चर्चा के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
अब किसी इंसान ने दोबारा जन्म लिया, तो पुनर्जन्म का भ्रम कैसे प्रमाणित होगा? क्योंकि वह अपने पिछले जन्म की कोई स्थापित पहचान ले कर तो पैदा नहीं होगा? तो इस बात को प्रमाणित करने के लिये कुछ ऐसे लोगों के उदाहरण प्रस्तुत किये जाते हैं। जिन्हें पिछले जन्म के बारे में याद हो और उन्होंने उस बारे में कुछ बताया हो।
Reincarnation is no proof!
इसके लिए कुछ लोगों के उदाहरण दिये जाते हैं जिन्होंने Punar Janam Real Stories सही-सही बताई हों या अपने पिछले परिवार से मुलाकात की हो या अपने कातिल को पकड़वाया हो। इस बात में दिलचस्प पहलू यह है कि ये सब उदाहरण उसी देश और संस्कृति से सम्बंधित होते हैं, जहाँ पुनर्जन्म (Rebirth) की परिकल्पना पर यकीन किया जाता है।
जबकि सही मायनों में यह सब उनकी धार्मिक आस्था के अनुरूप एक Philosophical Theory होती है। यह कोई परम सत्य नहीं। ये प्रश्न वहीं का वहीं है कि पुनर्जन्म का भ्रमजाल क्या है? (Is rebirth possible?) क्योंकि सत्य वह होता है जो सब पर लागू हो, जिसे जांचा-परखा गया हो, जिसे बिना किसी विशेष आस्था या विचारधारा से जुड़े हुए भी सहमत हुआ जा सके। जबकि Philosophical Theory के साथ Problem यह है कि आत्मा, रूह आदि से सम्बंधित मुसलमान की थ्योरी से हिंदू सहमत नहीं हो सकते और हिंदुओं की थ्योरी से बौद्ध सहमत नहीं हो सकते।
जन्म को तार्किता से समझिए!
यहां पर Technical नजरिये से बात उलझ जाती है। इसलिए पहले शारीरिक रहस्य को समझिए, इससे जो पुनर्जन्म का भ्रमजाल फैलाया गया है उसे समझने में आसानी होगी।
What is brain memory?
हम बचपन से जो भी देखते, सुनते, समझते, महसूस करते हैं। वह सब हमारी Brain की Hard Disk में जमा होता रहता है। ये सारी Information सिर्फ उसी Brain तक सीमित रहती है, यह अभी Moved नहीं हो सकती है। इसे Brain से अलग नहीं किया जा सकता है। लेकिन उम्मीद है आगे Medical Technology की मदद से Moved किया जा सकेगा।
सिर पर कोई चोट लग जाये और Brain सही से Function करना बंद कर दें। तो भी सारी Information Corrupt हो जाती है। जब इंसान मरता है तो Brain शरीर के साथ ही खत्म हो जाता है, फिर उस Brain की Information आगे कैसे स्थानांतरित हो सकती है? यानि उस इंसान की जो यादें थी वह उसके Neurons में समाई हुई Information है।
जो Brain के Dead होते ही खत्म हो जाती है। अब इसके आगे Moved होने की गुंजाइश कहां बचती है? तो वह अगले जन्म में किसी को कैसे याद रख सकता है? जो भी बच्चा नया जन्म लेता है वह एक Fresh Body और नए Brain के साथ जन्म लेता है, फिर उस तक एक Dead Brain की Information कैसे पहुंच सकती है?
Is rebirth true? Is rebirth possible?
आत्मा के लिये साधारण रूप से कहा जा सकता है कि जिसमें कोई मूवमेंट हो। यानि जिसमें जान हो।
लेकिन इस हिसाब से तो एक शरीर में ही कई आत्मायें हो जायेंगी, यहां तक कि आत्मा पेड़ पौधो में भी होगी। फिर आत्मा एक डिवाइड हो सकने वाली चीज भी माननी पड़ेगी, मसलन फीताकृमि ही दो टुकड़ों में बंट कर जी सकता है। सांप का सिर कटने के बाद भी उसके दोनों हिस्से कई घंटे तक जिंदा रह सकते हैं। अब तो इंसान के Transplant करने वाले अंग ही वास्तविक शरीर के मरने के बाद भी कई हफ्तों तक जीवित रखे जा सकते हैं।
इसे Consciousness के रूप में डिस्क्राइब करने में भी Problem है, कोमा में गए इंसान का ब्रेन डेड हो जाता है और बाकी शरीर काम करता रहता है जबकि उसकी Consciousness काम नहीं करती और उसके अंगो को Transplant भी किया जा सकता है। साथ ही चेतना या अपने होने का बोध तो हमारे शरीर के हर सेल, या शुक्राणु में भी होता है जो अपना जीवन चक्र पूरा करने में ईमानदारी से काम करते रहते हैं। इस हिसाब से तो हम आत्माओं का Bunch हो गए हैं।
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क्या ज़िन्दगी न मिलेगी दोबारा?
अब पुनर्जन्म का रहस्य तर्कों से समझने पर लगता तो ऐसा ही है कि Zindagi Na Milegi Dobara... फिर भी पुनर्जन्म को सही मान भी लिया जाये तो चमत्कार को किनारे रख कर इसका Technical कारण खोजना होगा जो Practical भी हो! हमें तो Rebirth का ऐसा कोई कारण समझ में नहीं आता। आपको आता हो तो नीचे कमेन्ट बॉक्स में जरूर बताइये?
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