द भ्रमजाल में एक बार फिर आपका स्वागत है। आज कि चर्चा में हम बात करेंगे भविष्य की एक नई तकनीक The Dream Recording Machine के बारे में। क्या...
द भ्रमजाल में एक बार फिर आपका स्वागत है। आज कि चर्चा में हम बात करेंगे भविष्य की एक नई तकनीक The Dream Recording Machine के बारे में। क्या इससे द्वारा भविष्य में सपनों की रिकॉर्डिंग संभव होगी?
एक आदमी नींद से उठता है, आंख खुलने पर उसे कुछ सफेद कोट पहने कुछ लोग नजर आते हैं जिनमें से दो व्यक्ति उसके हाथ से एक तार को अलग करके उसे स्क्रीन के सामने बैठा देते हैं। उस स्क्रीन पर उसे कुछ तस्वीरें दिखाई जाती हैं जिसे देखकर वह हैरान हो जाता है क्योंकि यह सभी तस्वीर उसके अभी के देखे सपने से हू-बहू मेल खा रही थी।
सपने हमारे लिए हमेशा से रहस्य बने हुए हैं। सपनों का महत्व होता है या नहीं, नहीं मालूम। हां, इतना जरूर मालूम है कि अपने देश में इसके ऊपर स्वप्न शास्त्र तक लिखा चुका है जो सपनों के अर्थों की व्याख्या करता है, लेकिन इस पर मनोविज्ञान सहमत नहीं है।
अब आप अपने सपनों को याद रख सकेंगे और उन्हें दोबारा देखना भी संभव होगा।
ऐसा दावा जापान के वैज्ञानिकों ने किया है। उन्होंने एक ऐसी डिवाइस बनाई है जो सपनों को रिकॉर्ड कर सकती है। यह डिवाइस लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को समझने, व्यक्तित्व का विश्लेषण करने और मनोवैज्ञानिक विकारों का निदान करने में मदद करेगा।
इस डिवाइस से सपने रिकॉर्ड किए जा सकेंगे व उन्हें दोबारा देखा-सुना जा सकेगा। इस डिवाइस को मस्तिष्क इमेजिंग व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके बनाया गया है।
जापान के शहर क्योटो में Dr. Yukiyasu Kamitani (神谷之康) के नेतृत्व में उनकी टीम एटीआर कम्प्यूटेशनल न्यूरोसाइंस प्रयोगशालाओं में इस उपकरण पर अभी और शोध कर रही है।
युकियासु कमितानी कौन हैं?
डॉ. युकियासु कमितानी मस्तिष्क डिकोडिंग के विकास में एक अग्रणी नाम है। डॉ. कमितानी ने टोक्यो विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री और कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है। 2001 से 2004 के बीच उन्होंने हार्वर्ड मेडिकल स्कूल, प्रिंसटन विश्वविद्यालय और एडवांस्ड टेली कम्युनिकेशंस रिसर्च इंस्टीट्यूट इंटरनेशनल (एटीआर) ब्रेन इंफॉर्मेशन लेबोरेटरी में भी शोध कार्य किया है।
अप्रैल 2015 में, प्रो. कमितानी ने एक नई प्रयोगशाला स्थापित की और क्योटो विश्वविद्यालय में सूचना विज्ञान के स्नातक विद्यालय के Faculty में शामिल हो गए। वह एटीआर कम्प्यूटेशनल न्यूरोसाइंस प्रयोगशालाओं में न्यूरोइंफॉर्मेटिक्स विभाग के प्रमुख (सहायक) के रूप में भी कार्य करते हैं, जहाँ वे अपना शोध जारी रखते हैं। दोनों प्रयोगशालाएँ शोध और शिक्षा दोनों में निकटता से सहयोग करती हैं। प्रो. कामितानी वर्तमान में सूचना विज्ञान के स्नातक विद्यालय में स्नातक छात्रों के साथ काम कर रहे हैं।
इस डिवाइस को आप The Dream Recording Machine नाम दे सकते हैं।
सोचिए, क्या होगा जब आप आने वाले समय में अपने सपनों को एक फिल्म की तरह देख सकेंगे, नींद के दौरान होने वाले शानदार परिदृश्यों और अनुभवों को जीवंत रूप से जी सकेंगे?
https://news24online.com/tech/japanese-researchers-make-device-that-can-record-and-play-back-your-dreams/183795/
https://kamitani-lab.ist.i.kyoto-u.ac.jp/tagged/about
https://www.instagram.com/ykamit/
https://www.youtube.com/watch?v=hUe6G1As0Mo&t=98s
मस्तिष्क के संकेतों को “Code” के रूप में देखा जा सकता है जो हमारी मानसिक सामग्री को एनकोड करते हैं। हम मशीन लर्निंग और कृत्रिम तंत्रिका नेटवर्क सहित सूचना विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग करके मस्तिष्क के कार्यों और प्रतिनिधित्वों को मॉडलिंग करने के तरीकों का अध्ययन करते हैं। हमारा दृष्टिकोण डेटा-संचालित पूर्वानुमान मॉडल पर आधारित है जो बड़े पैमाने पर तंत्रिका, व्यवहारिक और मल्टीमीडिया डेटा के विश्लेषण के माध्यम से मस्तिष्क डेटा और मन की स्थिति से संबंधित है। इन मॉडलों का उपयोग करके, हमारा लक्ष्य तंत्रिका सूचना प्रसंस्करण के बुनियादी सिद्धांतों को समझना है, और मस्तिष्क-मशीन इंटरफेस जैसे वास्तविक जीवन के अनुप्रयोगों को विकसित करना है जो डिकोड की गई मस्तिष्क सूचना का उपयोग करते हैं।
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