The Bhramjaal में एक बार फिर आपका स्वागत है। आज की चर्चा में हम सरल, संक्षिप्त और सुंदर तरीक़े से एक वृहद् विषय को समझने का प्रयास करेंगे क...
The Bhramjaal में एक बार फिर आपका स्वागत है। आज की चर्चा में हम सरल, संक्षिप्त और सुंदर तरीक़े से एक वृहद् विषय को समझने का प्रयास करेंगे कि [Right Wing Ideology] दक्षिणपंथ विचारधारा क्या है?
Left Wing Ideology और Right Wing Ideology का लफड़ा आजकल पूरी दुनिया की मुसीबत बना हुआ है। दुनिया की आबो-हवा नफ़रत से भरती जा रही है। नफ़रती लोग अमन-चैन चाहने वालों पर हावी हो रहे हैं।
वामपंथ और दक्षिणपंथ फ्रांसिसी क्रान्ति से निकली दो विपरीत विचारधाराएँ हैं। वहीं कुछ विद्वानों का मत है कि दक्षिणपंथ कोई विचारधारा नहीं, जबकि वामपंथ एक विचारधारा है। आप वामपंथ के समर्थक होंगे, या तो विरोधी। वामपंथ के विरोधियों को ही दक्षिणपंथ नाम दे दिया गया है।
देखा जाता है कि अन्य विचारधारा को मानने वाले, दक्षिणपंथी समूह या व्यक्ति विशेष को भक्त कह कर चिढ़ाता है। [भक्त कौन हैं? भक्ति क्या है?] अन्य विचारधारा को मानने वालों का कहना है कि दक्षिणपंथ में मूलतः दो तरह के लोग होते हैं, पहला धूर्तों का अल्पसंख्यक समूह और दूसरा मूर्खों का बहुसंख्यक समूह। यही धूर्तों का समूह उन सभी मूर्खों के समूह को नियंत्रित करता है।
अगर आप किसी किस्म के भेदभाव के हिमायती हैं, अतीत जीवी हैं, श्रेष्ठता बोध से ग्रस्त हैं तो दक्षिणपंथ विचारधारा के अनुयाई माने जाएंगे।
क्योंकि Right Wing > Sense of Superiority की एक विचारधारा [Ideology] है। यह इंसान को उसकी कमतरी के एहसास से मुक्ति के लिए एक नशा देता है। यह उन सभी बातों पर गर्व करना सिखाता है जिसमें व्यक्ति का अपना कोई योगदान नहीं होता।
जैसे देश, क्षेत्र, धर्म, नस्ल, जाति, रंग इत्यादि। इसके शिकार अक्सर वो लोग होते हैं जिनके अपने व्यक्तित्व में ऐसी कोई खास बात नहीं होती जिस पर गर्व किया जा सके।
यह व्यक्ति को भयंकर गलतफहमी देता है कि अपने धर्म, देश, जाति का सिर्फ वही रक्षक है, बाकी सब उसे खत्म करने में लगे हैं। जिस तरह इंसान को यह झूठा गर्व देता है, उसी तरह झूठा डर भी देता है। जिसमें व्यक्ति को दूसरे धर्म, जाति, नस्ल या क्षेत्र से खतरा लगता है, और इंसान उस डर में जीना सीखता है।
इस डर को ही दूर करने के लिए, अगले कदम पर यह व्यक्ति को नफ़रत करना सिखाता है।
इस विचारधारा के शिकार अक्सर वे लोग होते हैं जो प्रतिभाहीन या हीन भावना से ग्रस्त होते हैं। तमाम तरह के झूठों के बीच जीने के कारण इनकी स्वाभाविक समझ कुंद हो जाती है। ये हर विचार को अपनी नफ़रत और गर्व के पैमाने पर तौल कर ही मानते हैं या फिर खारिज़ करते हैं।
इन्हें तथ्यों से कोई लेना-देना नहीं होता। इनका पूरा जीवन कुतर्कों पर आधारित होता है।
अपने से वैचारिक मतभेद रखने वालों से ये हद से ज़्यादा नफ़रत करते हैं, उन्हें अपनी जाति, धर्म, देश का दुश्मन मानते हैं। जब खुद पावर में होते हैं तो इन्हें तानाशाही पसंद होती है, अन्य के समय ये लोकतन्त्र की दुहाई देते देखे जाते हैं।
दक्षिणपंथी किस विचारधारा का समर्थन करते हैं?
दुनिया में सबसे ज़्यादा नरसंहार दक्षिणपंथियों ने किए हैं। हिटलर, मुसोलिनी, तालिबान, आईएसआईएस और बौद्धों का समूल नाश भी इन्होंने ही किया है। ध्यान रखिए कि इस्लामिस्ट आतंकी भी दक्षिणपंथ होते हैं।
यह अपने झूठे, थोथे अतीत की ओर लौटने, वर्तमान और भविष्य को पूरी तरह मटियामेट करने आंदोलनरत रहते हैं तथा तथ्य, सत्य और मानवता को शाश्वत शत्रु मानते हैं। सबसे ज़्यादा जहालत और नफ़रत दक्षिणपंथी ही फैलाते मिलेंगे।
दक्षिणपंथ विचारधारा पूँजीवादी ताकतों का हथियार माना जाता है। आपने देखा होगा कि हाल-फिलहाल बांग्लादेश में यही नफरती लोग इस वक्त पावर में हैं।
दिलचस्प बात यह कि आज तक कोई भी स्वयं को दक्षिणपंथ घोषित करता नहीं मिला, जबकि दुनिया भर में ये एक वर्ग और ताकत हैं। मतलब, यह अक्सर मुखौटों के पीछे रहते हैं। अंध-राष्ट्रवाद, जातीय, नस्लीय, पंथीय गौरव और बेफ़िजूल नफ़रत इनके लोकप्रिय मुखौटे हैं।
इनके कुछ और अवगुण चरित्र हैं। जैसे :-
- दक्षिणपंथ में एक अनिवार्य लक्षण उनका अतीतजीवी होना है।
- दक्षिणपंथ भविष्य की नहीं हमेशा अतीत की बात करता मिलेगा।
- दक्षिणपंथ का काल्पनिक स्वर्णयुग अतीत में बीत चुका होता है।
- दक्षिणपंथ के लिए उसका अतीत हमेशा गौरवशाली होता है।
- दक्षिणपंथ के लिए देश, मानवता से ज्यादा महत्वपूर्ण होता है।
- दक्षिणपंथ हद दर्जे का कायर होते हैं, जबकि यही भीड़ में ताकतवर भी होते है।
- दक्षिणपंथ हमेशा हिंसा की वकालत करता मिलेगा।
- दक्षिणपंथ किसी भी समस्या के लिए दूसरे जाति धर्म वाले को जिम्मेदार बताएगा।
- दक्षिणपंथ मानवता को सबसे अंत में रखता है।
उपरोक्त व्याख्या सिर्फ भारत के सन्दर्भ में नहीं है। Right Wing Ideology हर भौगोलिक क्षेत्र और हर धर्म पर लागू होती है। इसमें हर धर्म के वो कट्टर लोग हैं जिनका इंसानियत से कोई रिश्ता नहीं होता। भारत में सिर्फ ब्राह्मणवाद ही घोर दक्षिणपंथ विचारधारा नहीं है, आज आरक्षित वर्ग भी इस के लपेटे में है। आप काँवड़ यात्रियों से मिलेंगे तो उसमें आरक्षित वर्ग ही पाएंगे।
कुछ लोगों के अनुसार दक्षिणपंथियों का आईक्यू लेवल लो होता है, वो गहराई से सोच नहीं पाते। इसलिए वो हर चीज़ को काला और सफ़ेद में ही देखते हैं।
जो वैसे ही सुख से जी रहा है उन्हें गरीबों, वंचितों के जीने-मरने से कोई खास फर्क नहीं पड़ता।
जिसे कहते हैं - "अपना काम बनता भाड़ में जाये जनता।"
कोई टिप्पणी नहीं
PLEASE NOTE:
We have Zero Tolerance to Spam. Cheesy Comments and Comments with 'Links' will be deleted immediately upon our review.