द भ्रमजाल में एक बार फिर आपका स्वागत है। आज की चर्चा में हम जानेंगे कि अमरनाथ गुफा | भ्रमजाल क्या है? कहते हैं कि सच हमेशा कड़वा होता ह...
द भ्रमजाल में एक बार फिर आपका स्वागत है। आज की चर्चा में हम जानेंगे कि अमरनाथ गुफा | भ्रमजाल क्या है?
कहते हैं कि सच हमेशा कड़वा होता है। Swami Agnivesh ने एक बार कहा था कि अमरनाथ गुफा और उसके शिवलिंग का सच यह है, कि Amarnath Cave में बनने वाला बर्फ का पिंड कोई Shivling नहीं वह तो सीधे-साधे वैज्ञानिक तौर पर समझने वाली चीज़ है।
Amarnath Cave Yatra | अमरनाथ गुफा यात्रा
भारत में जो धार्मिक यात्राएं की जाती हैं उन में Amarnath Yatra सबसे दुर्गम और कठिनाईयों से भरा सफर माना जाता है। इसी कारण से अमरनाथ यात्रा से पूर्व न केवल रजिस्ट्रेशन कराए जाते हैं, बल्कि स्वास्थ्य की जांच भी की जाती है। कुछ बीमारियों से ग्रस्त लोगों को यह यात्रा न करने की सलाह दी जाती है।
Pahalgam to amarnath Distance
Amarnath Yatra Distance |
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जम्मू से 315 किलोमीटर की दूरी पर पहलगाम में अमरनाथ गुफा स्थित है। |
कश्मीर की राजधानी श्रीनगर से Amarnath Temple की दूरी करीब 135 किमी है। |
Amarnath Cave | कुछ रोचक का तथ्य
- Amarnath Temple समुद्रतल से 13,600 फुट की Height पर स्थित है।
- Amarnath Temple की परिधि लगभग डेढ़ सौ फुट बताई गयी है।
- गुफा की ऊंचाई 11 मीटर, लंबाई 19 मीटर और चौड़ाई 16 मीटर बताई गयी है।
- गुफा में ऊपर से प्राकृतिक रूप से बर्फ की बूंदें टपकती हैं, जो लगभग 10 फुट लंबे ठोस बर्फ के पिंड का निर्माण करती हैं।
बर्फ के पिंड (Amarnath Shivling) को आस्था से वशीभूत लोग देखने के लिए दुर्गम यात्रा करते हैं। जिसे ‘दर्शन’ नाम दिया जाता है। अब सीधी सी बात है कि तीन तरफ से बंद Amarnath Cave में बताई गयी Height से इतने कम तापमान पर छत से पानी टपकेगा तो द्रव्यमान की वजह से पिंड के रूप में जमेगा ही। उस में (Miracle) चमत्कार जैसा क्या है? कुछ भी नहीं है। लेकिन यहां ये समझना कौन चाहता है!
उसकी पूजा करना, हर साल Amarnath Yatra के दौरान कई लोगों का मर जाना, यात्रा के लिए सेना तैनात करना अंधविश्वास (Blind faith) और फिजूलखर्ची नहीं तो क्या है?
स्वामी अग्निवेश ने एक बार अमरनाथ गुफा के Bhramjaal का सच बता दिया। उनके इतना बोलते ही हिंदुत्व के नाम पर बच्चों और युवाओं को मूर्ख बनाने वाले मठाधीश सक्रिय हो गये स्वामी अग्निवेश का गला काट कर लाने वाले को दस लाख रूपये के इनाम की घोषणा कर दी गई। स्वामी अग्निवेश के खिलाफ एफआईआर की झड़ी लग गई। दो-दो जिला अदालतों ने उनके खिलाफ वारंट निकाल दिया।
ठीक वैसे ही जैसे ब्रूनो ने कहा था कि बाइबिल में गलत लिखा है। सूर्य पृथ्वी के चारों ओर चक्कर नहीं लगाता है, सच यह है कि पृथ्वी ही सूर्य के चारो ओर घूमती है। इस बात पर चर्च के पादरियों ने ब्रूनों को जिंदा जला दिया था।
आज भारत में ईसाईयों की इस बात के लिए आलोचना की जाती है। लेकिन ये खुद अंधविश्वास (Blind faith) में डूबे रहकर सच बोलने वाले का गला काटने की घोषणा करने में गर्व महसूस करते हैं। अजीब है न?
अमरनाथ गुफा Amarnath Cave से बड़ी गुफाएँ अन्य देशों में भी है, लेकिन वहाँ के लोग उसे Shivling समझ कर पूजा नहीं करते। ना कोई इसका वैज्ञानिक तथ्य बताने वाले का गला काटने पर इनाम की घोषणा करता है। या तो बच्चों की पढ़ाई में से विज्ञान निकाल दो, या वैज्ञानिक तर्क रखने वालों की हत्या करने की घोषणा करना बंद कर दो।
अगर मूर्ख, ज़ाहिल और क्रूर ही बने रहना है और खून बहाना है। तो कम से कम बच्चों को तो अपनी इस सोच से आज़ाद कर दो, इन्हें तो अक्ल की बात सीख कर दुनिया को बेहतर बनाने का मौका दो।
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