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The Bhramjaal में एक बार फिर आपका स्वागत है। आज हम यहां चर्चा करेंगे कि सरफेस वेब, डीप वेब (Deep Web) डार्क वेब [Dark Web] और डार्कनेट [Dark Net] क्या है? Dark web kya hai? History of Dark Web.
Dark web kya hai Hindi me - जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है, कि डार्क वेब यानि एक छिपा हुआ वेब नेटवर्क। यह अपने मूल सरफेस वेब से अलग नहीं है, Dark Web वास्तव में उससे जुड़ा हुआ ही है।
Dark Web Summary : यहां सबसे महत्त्वपूर्ण समझने योग्य बात है कि संपूर्ण इंटरनेट मूल रूप से तीन मुख्य भागों से बना है।
- सरफेस वेब : इंटरनेट का यह सबसे पहला हिस्सा है जहाँ हम सब खरीदारी करते हैं, सोशल मीडिया पर दोस्तों के साथ चैट करते हैं या अपनी किसी इवेंट की तस्वीरें अपलोड करते हैं। इंटरनेट पर यह सुलभता पूरे वेब का मात्र छोटा सा हिस्सा है।
- डीप वेब : दूसरा सबसे व्यापक हिस्सा है जो (पूरे इंटरनेट का लगभग 90%) है, इसमें कंपनी के डेटाबेस, स्ट्रीमिंग सर्वर और ऑनलाइन मेमोरी स्टोरेज शामिल होते हैं। सिद्धांत रूप में, हर कोई डीप वेब तक पहुँच सकता है, लेकिन कंपनी के रहस्यों की सुरक्षा के लिए अधिकांश सामग्री सुरक्षित रखी जाती। जिसे आम तौर पर सर्च इंजन से बाहर रखा जाता है।
- डार्क वेब : तीसरा होता है Dark Web या Dark Net. इंटरनेट का यह हिस्सा Deep Web की अपेक्षा छोटा हिस्सा है। इसे सामान्य Browsing करके नहीं पाया जा सकता है, यहां सभी कुछ एन्क्रिप्टेड है और सामग्री के निर्माता और साथ ही इसके आगंतुक या उपभोक्ता यथासंभव गुमनाम रहना चाहते हैं।
इंटरनेट का अनजाना रहस्य लोक
अब तक आप समझ गए होंगे कि जिस इंटरनेट का उपयोग आप Digital माध्यम से करते हैं उसके विस्तार की कोई थाह नहीं है। किसी भी एक Keyword को सर्च करने के बाद जितने परिणाम प्राप्त होते हैं, वह इस बात को समझने के लिए काफी हैं।
जब एक शब्द के बारे में सर्च करने पर आपको हजारों-लाखों परिणाम मिल सकते हैं तो अनगिनत शब्दों को सर्च करने पर कितने परिणाम मिलेंगे? और एक से अधिक शब्दों के युग्म को सर्च करने पर कितने मिलेंगे?
अगर कौतूहल में पड़ गए हों, तो यह भी जान लीजिए कि गूगल पूरे इंटरनेट की खोज नहीं करता है। वह उसके सिर्फ छोटे से हिस्से को ही सर्च कर पाता है।
कैसा है डार्क वेब या डीप वेब?
गूगल और दूसरे सर्च इंजनों की पहुँच से बाहर जितनी वेबसाइटें और वेब सेवाएँ हैं उनसे भी कई गुना अधिक बड़ा इंटरनेट का एक अंधेरा इलाका है, जहां सर्च इंजनों की पहुँच नहीं है। असल में .com, .edu और .org जैसे शीर्ष स्तर के Domain नामों से जुड़ी वेबसाइटों की कुल संख्या पूरे वेब पर मौजूद सामग्री के 5% हिस्से का ही प्रतिनिधित्व करती है। बाकी 95 प्रतिशत वह है जिसे तकनीकी दुनिया में 'डार्क वेब' और 'डीप वेब' कहा जाता है। जितनी वेबसाइटों तक हमारी पहुँच है वह तो महज 'सतही' (ऊपर-ऊपर का) इलाका है जिसे 'Surface Web' कहते है। अक्सर Dark Web या Deep Web की वेबसाइटें .onion डोमेन पर मिलती हैं।
दरअसल Dark Web और Deep Web के नाम ऐसा संकेत देते हैं कि ये Internet के आपराधिक इलाके होंगे। यह बात कुछ हद तक सही हो सकती है, लेकिन पूर्णतः नहीं है। क्योंकि इनमें सरकारें भी सक्रिय हैं कंपनियाँ भी और गैर-सरकारी संगठन भी। हाँ, साइबर अपराधी, हैकर, और हमारी भौतिक दुनिया के बहुत सारे अपराधी, माफिया और आतंकवादी भी डीप वेब की अंधेरी गलियों में छिपते हैं, यह हो सकता है।
जिस तरह समूचे आसमान में धरती हमारे लिए सब कुछ होकर भी वास्तव में ब्रह्माण्ड का बहुत छोटा सा हिस्सा है उसी तरह से जिस इंटरनेट या विश्व व्यापी वेब का प्रयोग हम करते हैं उसकी कोई औकात समूचे इंटरनेट के समक्ष कुछ नहीं है। वह जो बाकी 95 प्रतिशत इंटरनेट है, वह आपके हमारे द्वारा प्रयोग किए बिना भी लगातार बना रहता है।
इसका सीधा सा मतलब है, उसकी कोई न कोई अहमियत तो ज़रूर होगी। उसमें कुछ ऐसा होगा जिसे सुरक्षित रखने के पीछे बहुत सारी शक्तियाँ लगी होंगी। हम नहीं तो कोई और उसका इस्तेमाल कर रहे होंगे। ये लोग किसी अन्य ग्रह के प्राणी नहीं हैं क्योंकि उनके पास हमारे जैसे इंटरनेट की पहुँच है या नहीं - कहना मुश्किल है।
क्या है Dark Web और Deep Web?
ये क्यों है और किसके लिए हैं? अगर यह बुरी चीज है तो फिर इसे खत्म क्यों नहीं किया जाता और अगर इसमें कुछ अच्छा है तो वह हमसे छिपा क्यों है? कौन हैं जो उसे हमसे छिपा रहे हैं या सचमुच कोई उसे हमसे छिपा रहा है क्या? अगर हम इसके भीतर झाँकना चाहें तो वह संभव है क्या और ऐसा करने के बाद हम अपनी सुरक्षित दुनिया में आगे भी सुरक्षित बने रह सकते हैं या नहीं?
Dark Web और Deep Web की चर्चा के बाद ऐसे सवालों का सिलसिला मस्तिष्क में उठना स्वाभाविक है। विश्व व्यापी वेब का बहुत सारा हिस्सा रहस्यों के दायरे में घिरा है, जैसे समुद्र में बर्फ का कोई बहुत विशाल पिंड (Iceberg) हो। उसका छोटा सा हिस्सा ही सतह के ऊपर दिखाई दे रहा होता है जबकि बहुत बड़ा हिस्सा पानी में छिपा होता है।
यहां आपकी जिज्ञासा शांत करने के लिए सबसे पहले इतना बता दें कि Dark Web या Deep Web को एक्सेस करना वैध है, कोई अपराध नहीं।
इंटरनेट और वेब
इंटरनेट के महाकाश को समझने से पहले दो बुनियादी अवधारणाओं को समझना आवश्यक है, इंटरनेट और वेब। शायद आप पूछने ही वाले हैं- इंटरनेट और वेब क्या एक ही बात नहीं है? जी हाँ, ये एक ही बात नहीं है।
Web, जिसे शॉर्ट में www कहते हैं। इसका पूरा नाम World Wide Web (हिंदी में विश्व व्यापी वेब) है, वह इंटरनेट पर रहता है और इंटरनेट की तुलना में छोटी चीज है और दोनों के जन्म के बीच 30 साल का अंतर है। इंटरनेट का आगमन 1960 के दशक में ही हो गया था जबकि वेब का आगमन 1991 में हुआ। तो अब आपको लग रहा होगा कि दोनों में काफी फर्क है।
इंटरनेट तो इन्फ्रास्ट्रक्चर या आधारभूत ढाँचा है जिसमें सर्वर, कंप्यूटर, नेटवर्किंग के उपकरण और खुद नेटवर्क है। वेब इस ढाँचे के ऊपर रखी गई सामग्री का संकलन है जो इंटरनेट के जरिए हम तक पहुँचता है। यह दो पंक्तियों की सरल व्याख्या हुई। लेकिन थोड़ा और गहराई से समझना चाहें तो जान लीजिए कि इंटरनेट दुनिया भर में फैले कंप्यूटर नेटवर्कों का नेटवर्क है।
अब ये नेटवर्क क्या है?
नेटवर्क का मतलब है किन्हीं दो या दो से ज्यादा चीजों, व्यक्तियों, कंप्यूटरों, आदि का समूह या संजाल। लेकिन यहाँ पर बात डिजिटल उपकरणों के संदर्भ में है यानी कि दो या दो से अधिक कंप्यूटरों या डिजिटल उपकरणों को अगर किसी तरह से आपस में जोड़ दिया जाए और उनके बीच संकेतों का लेन-देन संभव हो जाए तो ऐसा कहा जाएगा कि वे एक कंप्यूटर नेटवर्क या डिजिटल नेटवर्क के सदस्य [Nodes] हैं।
आपने अपने दफ्तरों, विद्यालयों या कुछ घरों में भी ऐसा होते हुए देखा होगा। दस कंप्यूटर एक कमरे में रखे हैं और आप एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में फाइल कॉपी कर सकते हैं और कहीं और रखे प्रिंटर से Printout ले सकते हैं क्योंकि ये सभी एक Network के सदस्य हैं।
अब अगर इस तरह के विशाल नेटवर्कों को वैश्विक स्तर पर एक दूसरे के साथ जोड़ दिया जाए तो उससे बनेगा इंटरनेट। तभी तो ऐसा होता है कि आप इंटरनेट से जुड़े हुए अपने कंप्यूटर या मोबाइल फोन से कोई Email भेजते हैं और वह दुनिया के अन्य स्थान पर Internet से जुड़े मित्र को तुरंत मिल जाता है।
VPN Service क्या है?
VPN Service (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) लोगों के लिए अपने इंटरनेट ट्रैफ़िक की सुरक्षा करने और ऑनलाइन अपनी पहचान को निजी रखने का सबसे आसान और प्रभावी तरीका है। जब आप किसी सुरक्षित VPN सर्वर से कनेक्ट होते हैं, तो आपका इंटरनेट ट्रैफ़िक एक एन्क्रिप्टेड सुरंग [Tunnel] से होकर गुजरता है जिसे कोई भी नहीं देख सकता, जिसमें हैकर, सरकारें और आपका इंटरनेट सेवा प्रदाता शामिल हैं।
क्या Tor Browser एक VPN है?
नहीं, Tor Browser कोई VPN Service नहीं है, यह दोनों अलग-अलग Technologies है। हालांकि, दोनों मिल कर ऑनलाइन सुरक्षा को अधिकतम कर के आपकी गोपनीयता की रक्षा कर सकते हैं।
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