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Time Dilation | टाइम डिलेशन क्या है?

द भ्रमजाल में एक बार फिर आपका स्वागत है। आज की चर्चा में हम बात करेंगे  Time Dilation की  टाइम डिलेशन वास्तव में क्या है? आइए इसे समझने को ...

Time-Dilation

द भ्रमजाल में एक बार फिर आपका स्वागत है। आज की चर्चा में हम बात करेंगे Time Dilation की टाइम डिलेशन वास्तव में क्या है? आइए इसे समझने को प्रयास करते हैं।

विज्ञान से संबन्धित चीज़ों को सरल भाषा में समझा पाना बेहद कठिन काम है क्योंकि एक बड़ा वर्ग वह है जिसने एग्जाम की कापियों में लिखने लायक चीजें तो रट ली हैं लेकिन समझने की जरूरत उसे कभी महसूस नहीं होती। 

बाकी एक भीड़ वह है जिसने सिर्फ इधर-उधर की बातचीत या फिल्म वगैरह में यह शब्द सुने भर होते हैं लेकिन इन्हें सिरे से समझते ही नहीं। ऐसा ही एक शब्द है Time Dilation बहुत से लोगों ने सुना होगा लेकिन इसे खुद ठीक से समझना या लोगों को समझा पाना दोनों ही मुश्किल काम हैं।

मैं तो अपने आसपास के कुछ बेहद शिक्षित (Educated) लोगों को नहीं समझा पाया लेकिन अब चूंकि लिखना आदत है तो यहाँ आपके लिए लिख जरूर दे रहा हूँ।

जब कुछ नहीं था तब Time Dilation भी नहीं था!

जब छोटा था तब यह दो लाईनें बहुत बार सुनी थी जिनमें एक थी कि जब कुछ नहीं था तब Time Dilation भी नहीं था। दूसरी की Big Bang से पहले Time का अस्तित्व नहीं था। यह बात सुनने में भी अजीब लगती थी कि Time Dilation नहीं था... भला यह कैसे मुमकिन है? मतलब ये ठीक है कि हम नहीं थे, चलिये मान लिया कि पृथ्वी भी न रही होगी लेकिन Time Dilation तो चल ही रहा होगा। अब Big Bang से पहले तक ठीक है कि पूरा ब्रह्माण्ड (Universe) एक सिंगुलैरिटी पर बज कर रहा था लेकिन जितने वक्त तक यह उस अवस्था में रहा था, वह अवधि (Period) भी तो कहीं Time Dilation से ही मापा ही गया होगा?

Time Dilation का मतलब घड़ी की TicTok से नहीं है!

अब Time Dilation का मतलब घड़ी या घड़ी की TicTok नहीं है, Time Dilation का मतलब एक काल या अवधि से है जिसे हम घड़ी की TicTok से मापते हैं। मसलन पृथ्वी को अपनी धुरी पर घूमने को हम चौबीस घंटे के एक दिन के रूप में जोड़ा करते हैं, या चांद के पृथ्वी का एक चक्कर लगाने की अवधि को महीने के रूप में परिभाषित करते हैं या पृथ्वी के सूर्य का एक चक्कर लगाने की अवधि (Duration) को साल के रूप में जोड़ते हैं और इस पृथ्वी से परे इस तरह की जितनी गणनायें हम करते हैं वे पृथ्वी के हिसाब से ही करते हैं जबकि उन ग्रहों पर वे गणनायें उनके हिसाब से होंगी।

पहले जानिए समय है क्या?

सबसे गूढ़ तो Time Dilation की परिभाषा है कि यह है क्या...? यह जो हर गुजरता पल है, हम इसे ही Time Dilation के रूप में जानते हैं और इसे भूत, वर्तमान और भविष्य के रूप में बांटते हैं लेकिन यह एक दूसरे फ्रेम में भ्रम पैदा कर देता है... मसलन हमारा दिमाग कहता है कि हम अपनी घड़ी देख कर जितने पल में एक पंक्ति बोलते हैं, ठीक उतने ही पल में इस Universe में कहीं भी वह पंक्ति बोल सकते हैं और यह दोनों जगह के पल समान रूप से गुजरने चाहिये जबकि ऐसा होता नहीं है और एक सामान्य बुद्धि के लिये यहीं सबसे बड़ी उलझन खड़ी हो जाती है कि ऐसा क्यों नहीं है?

Time Dilation यानि गुजरते पल तो हर दशा में समान ही होने चाहिये। यानि अगर आपने दस सेकेंड में मेरी पोस्ट का एक पैरा पढ़ा तो हर जगह आपको दस सेकेंड ही लगने चाहिये और यहाँ और वहां के दस सेकेंड समान ही होने चाहिये।

Time and Teleportation

एक उदाहरण से समझिये.. मान लीजिए आपने Teleportation की तकनीक विकसित कर ली है और माईक्रो सेकेंड में आप अन्तरिक्ष (Intergalactic) यात्रा कर सकते हैं। अब यहां पृथ्वी पर बैठ कर अपने भाई को बोलिये कि वह पांच मिनट में पूरा हो सकने वाला एक गाना गाये, और फिर खुद यहाँ से दूर किसी Galaxy में किसी विशाल ग्रह (Massive Planet) या Black Hole के इवेंट क्षितिज (Horizon) में (कल्पना के लिये) Transmit हो जाइये और पांच मिनट वाले उसी गाने को वहाँ गाइये और फिर वापस आ जाइये। आपको क्या लगता है, दोनों भाइयों ने एक Time Dilation पर गाना खत्म किया होगा?

जी नहीं.. घड़ी या गुजरने वाले पलों के हिसाब से तो आपने एक ही अवधि (Duration) में गाने के टास्क को पूरा किया है लेकिन आपके भाई को गाना गाये सात-आठ महीने या एक साल हो चुका होगा और इस बीच उसने अनगिनत पल गुजार डाले होंगे। अब चौंक गये न... बस यहीं Time Dilation की सच्चाई समझ में आती है। इसके साथ ही चाहें तो एक और प्रयोग कर लें कि फिर दोनों भाई पांच मिनट के गाने वाले टास्क को फिर करें और इस बार आप एक ऐसे यान में शिफ्ट हो जायें जो प्रकाश की 99% Speed से चल रहा है और अपना टास्क पूरा करके वापस आ जायें.. आप पायेंगे कि भाई को टास्क पूरा किये अरसा हो गया और आपने जस्ट पूरा किया है।

जब कुछ नहीं था तब समय भी नहीं था!

इससे एक बात पता चलती है कि जैसा एक सामान्य दिमाग सोचता है कि Time Dilation यानि गुजरते हुए पल सभी जगह समान रूप से गुजर रहे हैं जबकि वाकई में ऐसा नहीं है और यह Time Dilation अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग गुजर रहा है यानि सबका Time अलग है.. अब अगर अलग है तो फिर इसका शुरू या खत्म होना भी मुमकिन है और यह संभावना ही इस बात की तस्दीक कर देती है कि Big Bang से पहले समय का अस्तित्व नहीं था। या जब कुछ नहीं था तब Time Dilation भी नहीं था।

हर नैनो सेकेंड में होता बदलाव ही समय है!

चलिये इसे थोड़ा और आसान कर के समझते हैं। Time Dilation की अगर कोई शुद्ध परिभाषा पूछे तो बताना टेढ़ी खीर है लेकिन यह दरअसल परिवर्तन है, परिवर्तन मतलब (Change)। हर नैनो सेकेंड होता बदलाव ही Time Dilation है, यूनिवर्स में हर चीज गति कर रही है और गति मतलब हर क्षण परिवर्तन हो रहा है, कहीं भी कुछ भी स्थिर नहीं है। ब्रह्माण्ड का हर पल विस्तार (Expand) हो रहा है, सभी समूह (Cluster) हर सेकेंड गति करते अपनी जगह बदल रहे हैं, इनके अंदर मौजूद आकाशगंगा (Galaxy) लगातार जगह बदल रही हैं, अपनी मिल्की वे 885000 की रफ्तार से मूव हो रही है, अपनी पृथ्वी 10700 की स्पीड से दौड़ती जा रही है और दौड़ने के साथ ही 1670 की स्पीड से घूम भी रही है।

समय के हर सेकेंड में परिवर्तन हो रहा है!

कहीं भी कुछ भी स्थिर नहीं है, आप चाह कर भी इसे रोक नहीं सकते, आपके आसपास हर सेकेंड परिवर्तन हो रहा है.. आप एकदम स्टैचू खड़े हैं तब भी आपके आसपास वातावरण में मौजूद गैस के कण मूव कर रहे हैं (कभी किसी बंद जगह में बाहर से आती गति में मोटे कणों का मूवमेंट देखिये), अगर किसी तकनीक से इन्हें भी स्थिर कर दें तो भी हर Atom के अंदर मौजूद इलेक्ट्रॉन गति करते रहेंगे.. यानि 'फ्रीज' की अवस्था आप चाह कर भी नहीं पैदा कर सकते।

समय का अस्तित्व Big Bang के बाद हुआ है!

यही हर पल होता परिवर्तन असल में Time Dilation है और यह शुरू कब हुआ? Big Bang के साथ, उससे पहले चूंकि ब्रह्माण्ड (Universe) का सारा मैटर एक सिंगुलैरिटी पर स्थिर था तो कोई परिवर्तन (Change) कहीं नहीं घट रहा था। अब बदलाव नहीं हो रहा था मतलब Time Dilation का अस्तित्व ही नहीं था, महाविस्फोट (Big Bang) के साथ ही यह परिवर्तन शुरू हुआ और तभी यह कहा जाता है कि Time Dilation का अस्तित्व Big Bang के बाद हुआ।

अलग-अलग समय का अलग-अलग गणित है!

अब यह अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग कैसे गुजरता है, इसे हवा का एक मॉडल बना के समझिये। हवा और पृथ्वी एक ही है लेकिन इनमें तीन Point पकड़िये, जिनमें एक जगह हवा पचास किमी की गति से चल रही है, दूसरी जगह सौ की Speed से और तीसरी जगह दो सौ की Speed से अब तीनों जगह चुटकी से पाउडर उड़ाइये। आप पायेंगे कि घड़ी के हिसाब से सेकेंड बराबर गुजरे हैं मगर तीनों जगह पाउडर ने उतने ही Time Dilation में अलग-अलग दूरी तय की है। यही अलग-अलग Time Dilation का गणित है।

समय रूपी परिवर्तन किस गति से हो रहा है?

यानि यह इस चीज पे निर्भर (Depend) करता है कि किसी ऑब्जेक्ट के आसपास यह समय रूपी परिवर्तन दरअसल किस गति से हो रहा है और तय करता है उस ऑब्जेक्ट का मास+ग्रेविटी। यानि जितना ज्यादा मास होगा, उसके आसपास परिवर्तन उसके भारी (Heavy) आकर्षण के कारण उतनी ही धीमी गति से घटेगा।

जैसे अपने ही सौरमंडल में पृथ्वी चूंकि बृहस्पति ग्रह (Jupiter Planet) के मुकाबले कम द्रव्यमान (Mass) रखती है तो यहाँ जो परिवर्तन होगा वह बृहस्पति (Jupiter) के मुकाबले तेज होगा, जबकि Jupiter पर वह धीमी गति से घटेगा।

तो घड़ी के हिसाब से आप भले अपने भाई के साथ एक ही समय में Jupiter पर जा कर पांच मिनट वाले गाने का टास्क करें मगर जब पृथ्वी पर वापस आयेंगे तो भाई को गाना खत्म हुए काफी अरसा बीत चुका होगा, जबकि आप बस अभी उसे समाप्त कर के लौटे होंगे।

इस परिवर्तन पर दो चीजें असर डालती हैं.. Mass+Gravity और Speed। गति यानि Speed मतलब आप जितनी गति से मूव कर सकते हैं, आपके लिये परिवर्तन उतना ही धीमा (Slow) हो जायेगा। मतलब अगर आप Light की Speed वाले यान में बैठ कर सफर कर रहे हैं तो आपके लिये Time धीमी गति से गुजरेगा जबकि आपके अकार्डिंग पृथ्वी पर रहने वाले आपके भाई का काफी तेज गुजरेगा। यानि आप उस यान से कुछ सालों में Milky Way टहल कर जब वापस आयेंगे तो पायेंगे कि आपका भाई बूढ़ा हो चुका होगा।

~अशफाक़ अहमद

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