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Bhagwan | भगवान किसे कहते हैं?

The Bhramjaal में एक बार फिर आपका स्वागत है। [Bhagwan] आज की चर्चा में हम जानेंगे कि  भगवान किसे कहते हैं?  या  Bhagwaan Kaun Hai? हम जान...

Bhagwan-Kise-Kaha-Jata-Hai

The Bhramjaal में एक बार फिर आपका स्वागत है। [Bhagwan] आज की चर्चा में हम जानेंगे कि भगवान किसे कहते हैं? या Bhagwaan Kaun Hai?

हम जानते हैं कि आप भी Bhagwan की खोज में हैं। आपका Bhagwaan को खोजते हुए यहां तक पहुँचना ये प्रमाणित करता है। आप बिल्कुल सही जगह पहुंचे हैं, अब Bhagvan को खोजने का आपका यह कार्य पूर्ण हुआ।

हमारा दावा हैं कि अगर आपने इस लेख को धैर्य पूर्वक अंत तक पढ़ लिया, तो आज के बाद Bhagwan Kya Hai? कभी नहीं खोजेंगे। क्योंकि आपके द्वारा पूछे गए तमाम प्रश्नों का जवाब हम इस लेख में एक साथ दे रहे हैं। जैसे:- Bhagwan Kya Hai?, भगवान कौन है?, भगवान किसे कहते हैं?, भगवान का अर्थ क्या है? भगवान शब्द का अर्थ क्या है? भगवान से प्रार्थना कैसे करें? ऐसे तमाम प्रश्नों का उचित जवाब यहां आपको एक साथ मिलने वाला है।

हिन्दू घरों में बचपन से Bhagvan और अन्य देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करना सिखाया जाता है। विचारों और पूजा पद्धति को सीखते हुए आप बड़े होते हैं। लेकिन बड़े होने के बाद भी बहुत कम लोग जानते हैं कि Bhagwan Kya Hai?

बड़े होने पर अब आपकी तर्कशीलता भी बड़ी हो चुकी है, जिस मन के अंदर बचपन में संस्कारिक बीज़ डाल दिये गए थे, वह बड़े होने पर कर्मकांडी बन गया है। यह एक विडम्बना है कि हर बात पर तार्किक ढंग से सोचने वाला आपका दिमाग इस पर तार्किकता नहीं रखता। वह इस विषय पर काम ही नहीं करता, क्योंकि भक्ति रस आपके रोम-रोम में बस चुका है। लेकिन फिक्र मत करिए, इस दुनिया में आप अकेले नहीं है, ऐसे ही अन्य धर्मों के मानने वाले भी धार्मिक कर्मकांड सीखते हैं।

चलिये, आज हम आपके तमाम प्रश्नों का सही जवाब देने कोशिश करते हैं!

Bhagwan Kya Hai? | भगवान क्या है?

अब जानिए भगवान की परिभाषा, Bhagwan Kya Hai?, भगवान किसे कहते हैं?

दरअसल Bhagvan शब्द संस्कृत भाषा के 'भगवत' से लिया गया है। इसका का हिंदी अर्थ होता है- जितेंद्रिय ! यानि एक ऐसा व्यक्ति जिसने अपनी पांचों इंद्रियों पर विजय प्राप्त कर ली हो या जिसकी पंचतत्वों पर पकड़ हो। जो व्यक्ति पूर्णत: मोक्ष प्राप्त कर चुका हो और अपने जन्म-मरण के चक्र से मुक्त होकर कहीं भी जन्म लेकर कुछ भी करने की क्षमता रखता हो उसे ही Bhagwaan कहा जाता है।

अब जैसे हिन्दू 'भगवान' कहते हैं। वैसे ही जैन धर्म में कैवल्य ज्ञान को प्राप्त व्यक्ति को तीर्थंकर या अरिहंत कहते हैं। इसी तरह बौद्ध धर्म को मानने वाले संबुद्ध कहते हैं।

दरअसल हिन्दू धर्म में आम तौर पर Bhagwan शब्द का उपयोग विष्णु और शिव के अवतारों के लिए किया जाता है। इस शब्द का स्त्रीलिंग भगवती होता है। भगवती शब्द का उपयोग दुर्गा के लिए भी किया जाता है। इसे ही भागवत मार्ग कहा गया है।

पाली भाषा में बताया जाता हैं कि भगवान "भंज" धातु से बना है जिसका अर्थ होता है:- तोड़ना। जो राग, द्वेष और मोह के बंधनों को तोड़ चुका हो अथवा भाव में पुनः आने की आशा को भंग कर चुका हो भावनाओ से परे जहाँ सारे विचार शून्य हो जाये और वहीँ से उसकी यात्रा शुरु हो उसे भगवान कहा जाता है।

भगवान का अर्थ क्या है?

Bhagwaan in Hindi में भगवान का अर्थ - भगवान के 6 गुण वाचक शब्द है, जिसका अर्थ होता है गुणवान होना। यह "भग" धातु से बना है, भग का अर्थ हिंदी में 6 निम्नलिखित हैं:-

ऐश्वर्य, वीर्य, स्मृति, यश, ज्ञान और सौम्यता

कहते हैं कि जिसके पास ये 6 गुण है वही भगवान होता है।

संधि विच्छेद | भगवान का फुल फॉर्म क्या है?

यहां बताते चलें कि भगवान in English में सिर्फ एक ही शब्द से जाना जाता है जिसे GOD कहते हैं। हिन्दी में भगवान शब्द पांच तत्वों से मिल कर बना है। इसका सन्धि विच्छेद होता है-
(भ् + अ + ग् + अ + व् + आ + न् + अ) यानि कि-

भगवान का फुल फॉर्म | भगवान शब्द के Hindi अक्षरअर्थ
भूमि
अग्नि
गगन
वावायु और
नीर
Bhagvan-Kaun-Hain

Bhagvan Kaun Hain?

यहाँ सबसे विशेष बात यह है, जिस में लोग भेद नहीं कर पाते हैं, बस मानने में विश्वास रखते हैं। जबकि धर्म के व्यापार का सारा खेल इसी पर टिका है। वो Bhagwan को ईश्‍वर तुल्य समझते हैं इसीलिए यह शब्द ईश्वर, परमात्मा या परमेश्वर के लिए भी उपयोग किया जाता है, लेकिन यह उचित नहीं है।

भगवान का अर्थ ईश्वर नहीं हो सकता, जितने भी Bhagvan हैं वे Ishwar कदापि नहीं है। राम, कृष्ण और बुद्ध आदि भी ईश्वर नहीं थे। और यहाँ तक कि Brahma, Vishnu और Mahesh भी ईश्वर नहीं हैं। ईश्वर या परमेश्वर सिर्फ संसार की सर्वोच्च सत्ता को कहा जाता हैं। और यह सच है कि उसके बारे में आज भी किसी को कुछ नहीं पता कि ईश्वर है या नहीं?

अब तक पढ़े इस आलेख से आप भली-भाँति समझ गए होंगे कि Bhagwan Kise Kahte Hain? आइये अब आगे के प्रश्नों पर चलते हैं।

भगवान कहां मिलेंगे?

अक्सर कुछ लोगों को यह प्रश्न रहता है कि क्या कण-कण में भगवान हैं? आइये अब इस भ्रम को थोड़ा विस्तार से समझते हैं।

सनातन धर्म में बहुत पुराना Concept था कि "कण-कण में भगवान व्याप्त हैं"! काफी पहले इस पंक्ति पर फिल्म वालों ने ‘कण-कण में भगवान’ नाम की एक पूरी फिल्म बना डाली थी। लगता इस पंक्ति से कुछ लोगों की भावनाएं आहत हो जाती होंगी इसलिए अब यह Concept ज्यादा प्रचलन में नहीं है।

चूंकि इस Concept को अन्य धर्म वाले यह मानने को तैयार नहीं होते होंगे कि दूसरे धर्म वालों के घरों, पूजास्थलों में Bhagwan का वास भी हो सकता है। तो अन्य धर्म के मानने वाले दुनिया के ज्यादातर कणों में Bhagwaan का अस्तित्व मानने को तैयार नहीं होते होंगे। अब इसमें जाति, वर्ण, नस्ल, राष्ट्रीयता को भी जोड़ लें, तो फिर इस दुनिया के किसी भी कण में Bhagwan को जगह नहीं मिल सकती है, जबकि दावा सब का यही रहता है कि Bhagwan का असली आश्रय उसी के पास है। यह वाकई आश्चर्यजनक है...

क्या भगवान आश्रयदाता हैं?

यह आइडिया आजकल ज्यादा लोकप्रिय नहीं है कि Bhagwan सबके आश्रयदाता हैं। अब तो लोगों का दावा यह है कि वे Bhagwan को आसरा दिए हुए हैं। अगर वे आसरा न देते, तो न जाने Bhagwan का क्या होता। लोग Bhagwan के लिए मुकदमा लड़ते हैं, उनके वकील हो जाते हैं कि अगर Bhagwan को जगह न मिली, तो वे कहां जाएंगे? अब असलियत क्या है, यह तो Bhagwan ही जानें?

क्या भगवान भी बीमार होते हैं?

अक्सर ऐसी खबरें आपने पढ़ी होंगी जिसमें फलां भगवान बीमार हो गये,  उन्हें ठंड लग गई या गर्मी लग रही, डॉक्टर ने स्टेथस्कोप लगा कर उन्हें चेक किया, अब उनका इलाज चल रहा वगैरह... वगैरह...

किसी के भी मन में यह सब देख कर प्रश्न उठ सकता है, कि यह कैसे पता चलता है कि Bhagwan को कब गर्मी लग रही? कब सर्दी लग रही? कब उनकी हार्टबीट नार्मल नहीं? और कब उनकी तबियत खराब हो गई? जिज्ञासा स्वाभाविक है। जिस Bhagvan को खुद सर्दी-गर्मी या बीमारी से बचने के लिए इंसानों के मदद की जरूरत पड़ रही है। वह किस तरह इतने सारे भोले इंसानों का कष्ट दूर कर पाएगा?

क्या भगवान होते हैं?

यह बड़ा महत्वपूर्ण प्रश्न है, Kya Bhagwan Hote Hai? यह जानना, आपके लिए एक कड़वा सच साबित हो सकता है कि Bhagwan सिर्फ एक शब्द है। जिसे रचा है गया काल्पनिक Hero के रूप में। हम जानते हैं, आपके लिए इस पर विश्वास करना कठिन होगा। मन भी दु:खी हो सकता है। दिमाग में फिर से तमाम सवाल उपजेंगे, लेकिन अंतिम सत्य यही है।

इसे कुछ यूं समझिए कि जिस तरह- Hollywood Movies में सुपरमैन, स्पाइडर-मैन और बैटमैन होते हैं। बस वैसे ही 'भगवान' होते हैं। जैसे इन Heroes की रचना उनके रचनाकारों ने की है। वैसे ही आपके Hero की रचना धर्मावलंबियों ने की है। क्योंकि धर्म और अध्यात्म आज एक व्यापार है।

भगवान क्या चाहते हैं?

वस्तुतः Bahgwan एक कल्पना मात्र है, कल्पना क्या चाहेगी खुद सोच कर देखिये।

Bhagwan Vs Bhikhari - 10 तुलनात्मक अध्ययन

  1. Bhikhari को भीख मांगने के लिए मेहनत करनी पड़ती है जबकि भगवान को भीख उसके निश्चित स्थानों पर पहुंचा दी जाती है।
  2. Bhikhari को लोग दुत्कारते है जबकि भगवान को इस कार्य के लिए एक निवास स्थान दिया जाता है।
  3. भिखारी अपने और अपने परिवार के साथ भीख मांगता है जबकि भगवान इस कार्य को एजेंट के जरिये संपन्न करवाता है।
  4. Bhikhari एक चलता-फिरता सजीव प्राणी होता है जबकि भगवान एक अनदेखा अनजाना काल्पनिक प्राणी होता है।
  5. Bhikhari कुछ पाकर बदले में आपको मधुर आशीर्वचन दे सकता है जबकि भगवान कुछ भी देने में असमर्थ होता है।
  6. भगवान के एजेंट भगवान के नाम पर डरा-धमका कर आपसे वसूली करते हैं जबकि Bhikhari पेट का वास्ता देकर इंसानियत के नाम पर मांगते हैं।
  7. Bhikhari को आप दुत्कार सकते हो, लताड़ सकते हो लेकिन भगवान के एजेंट को कभी नाराज नहीं कर सकते।
  8. Bhikhari भीख में प्राप्त वस्तुओं का सदुपयोग कर लेता है जबकि भगवान को मिली वस्तुए सड़-गल कर नष्ट भी जाती हैं।
  9. भिखारियों के अड्डे बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, गली, मोहल्ले होते हैं जबकि भगवान के अड्डे उसके पूजा स्थल होते हैं।
  10. भिखारियों का भीख माँगना क़ानूनी जुर्म है जबकि भगवान के प्रतिनिधियों पर कोई प्रतिबन्ध नहीं है।

हमें आपके कमेन्ट की प्रतीक्षा रहेगी।

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