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Your Truth | आप जैसा बोलते हैं, क्या वैसे हैं?

The Bhramjaa l में एक बार फिर आपका स्वागत है। [Your Truth]  आज की चर्चा में हम जानेंगे कि  क्या आप जैसा बोलते हैं, वैसे ही हैं? Your Truth आ...

Your-Truth

The Bhramjaal में एक बार फिर आपका स्वागत है। [Your Truth] आज की चर्चा में हम जानेंगे कि क्या आप जैसा बोलते हैं, वैसे ही हैं?

Your Truth

आप अपने बारे में जो बोलते या लिखते हैं, वैसे हों भी, यह जरूरी नहीं। यही है - Your Truth !

यह भी जरूरी नहीं कि समाज में आपकी जैसी छवि दिखती हो, आप बिल्कुल वैसे ही हों। क्योंकि सामाजिक छवि अक्सर व्यक्ति के विचारों और कथन पर बनती है। हो सकता है कि आज तक आपके कर्म पर बारीकी से लोगों की नजर न पड़ी हो।

प्रसिद्ध कवि T. S. Eliot के शब्दों कहते हैं, कि इंसान बहुत ज्यादा सच्चाई या वास्तविकता को झेल नहीं सकता, इसलिए जब सच (Your Truth) को जग-जाहिर किया जाता है, तो अक्सर वह कड़वा लगता है, वहीं जब उस पर लुभावने झूठ का मुलम्मा चढ़ा दिया जाता है, तो लोग उसे सहजता के साथ स्वीकार कर लेते हैं, और इसमें खुश भी रहते हैं।

  • क्यों कुछ लोग अच्छे होने के बाद भी सफल नहीं होते,
  • जबकि कुछ सफल होने के बाद भी अच्छे नहीं होते?
  • क्या वजह है कि सफल व्यक्ति बड़ी सहजता से बुरा काम कर देता है?
  • क्या अच्छाई सफलता में बाधा बनती है?
हो सकता है आपको आंतरिक परिवर्तन की आवश्यकता हो।

ये सभी सवाल एक अच्छी और सफल जिंदगी का खाका खींचने में मदद करते हैं। अरस्तु कहते हैं कि "अच्छी परिस्थितियों और ऐश्वर्य के बावजूद एक अच्छी जिंदगी इस बात पर निर्भर करती है कि एक व्यक्ति सद्गुण के अनुसार व्यवहार करे"

यहां Albert Einstein का जिक्र करना भी स्वाभाविक है। वह कहते थे कि "जो सही है, वह हमेशा लोकप्रिय नहीं होता और जो लोकप्रिय है, वह हमेशा सही नहीं होता। यह बात खुद उनके ऊपर भी लागू होती है"।

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