द भ्रमजाल में एक बार फिर से आपका स्वागत है। आज हम इस विषय पर चर्चा करेंगे कि एनजीओ (NGO) से पैसा कैसे कमा सकते हैं? एनजीओ बनाने का उद्देश्य...
द भ्रमजाल में एक बार फिर से आपका स्वागत है। आज हम इस विषय पर चर्चा करेंगे कि एनजीओ (NGO) से पैसा कैसे कमा सकते हैं?
एनजीओ बनाने का उद्देश्य समाज कल्याण माना जाता है। किन्तु बहुत से लोग इससे आर्थिक लाभ कमाना भी चाहते हैं, यह लेख उन सभी का मार्गदर्शन कर सकता।
आप जानते हैं, यह एक बहुत महत्वपूर्ण विषय है -
- एनजीओ में पैसा कैसे कमायें?
- एनजीओ के साथ पैसा कैसे कमाएं?
- एनजीओ से पैसा कैसे कमाएं?
यानि समाज कल्याण करते हुए इससे आर्थिक लाभ कैसे प्राप्त किया जाए?
आप जानते हैं कि एक एनजीओ का उद्देश्य होता है समाज का कल्याण करना। समाज के Social Welfare के लिए काम करना।
क्या समाज कल्याण करने के साथ पैसे कमा सकते हैं?
इसका उत्तर क्या होना चाहिए? आप क्या सोच रहे हैं मैं 'हां' लिखूँगा या 'ना' लिखूँगा?
बिल्कुल कमा सकते हैं। एनजीओ चलाना भी अन्य माध्यमों की तरह आजीविका का एक स्रोत बन सकता है।
जितने विद्यालय चल रहे हैं, कॉलेज चल रहे हैं ये सारे Non-Profit में आते हैं। तो फिर उनके जो ओनर्स है उनके घर कहां से चलते होंगे? क्या उनके बच्चे गुरुद्वारे में जाते होंगे? कोई भी व्यक्ति कभी भी ट्रस्टी से बड़ा संस्थापक नहीं होता।
आप रेमन निकाल सकते हैं, या सैलरी ले सकते हैं और जो एजुकेशन को सपोर्ट करने का काम है वहां पर बिजनेस कर सकते हैं।
देश से है प्यार तो हर पल यह कहना चाहिए !
मैं रहूं या ना रहूं भारत यह रहना चाहिए !!
अगर एनजीओ में दो काम चाहते हैं कि पैसे भी कमाए जायें और एनजीओ को फंडिंग के लिए किसी पर निर्भर भी न रहना पड़े। यानि आपका एनजीओ वित्तपोषण का स्वचालित स्रोत भी हो जाए। आप चाहते हैं कि कल आप रहे या ना रहे आपका राम नाम सत्य भी हो जाए तो भी एनजीओ में फंडिंग की कभी कमी न हो। आपका एनजीओ Team & System को यूज करके काम करता रहे। यह स्वचालित चलता रहे "मैं रहूं या ना रहूं भारत ये रहना चाहिए!" की तर्ज पर आप रहे या ना रहे आपकी संस्था चलती रहनी चाहिए।
इस शाश्वत उत्तराधिकार के लिए जरूरी है आप एक Social Enterprise स्थापित करें।
समाज में जो समस्या (Problem) है, उसकी पहचान टिकाऊ होनी चाहिए। अगर आपने उसका समाधान ढूंढ लिया जो Profitable है, Sustainable है, तो करिए समाज का कल्याण, करिए समाज के कल्याण में भी लाभ के रास्ते का चुनाव।
उदाहरण के तौर पर आप देख रहे होंगे कि फूड्स में कितनी मिलावट हो रही है, इस मिलावट के जहर से लोग मारे जा रहे हैं उनके स्वास्थ के साथ घिनौना खिलवाड़ किया जा रहा है।
ऐसे में समाज कल्याण करने के लिए आपका NGO यह लक्ष्य निर्धारित कर सकता है कि लोगों को शुद्ध भोजन प्राप्त हो।
कल्पना करें कि मसाले की बात है। आप देख रहे हैं कि आपके समाज में बड़े सारे लोग हैं जो बेरोजगार बैठे हैं बहुत सारे लोगों के पास संभावना तो है लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि अपने काम की शुरुआत कैसे करना है।
ऐसे लोगों का, ऐसी महिलाओं का या ऐसे कोई भी लोग जो महिला या पुरुष कोई भी हो उनका एक स्वयं सहायता समूह (Self-Help Group) बना सकते हैं उन्हें आपस में कनेक्ट कर सकते हैं। उनको एक एनजीओ के रूप में आप प्रशिक्षित कर सकते हैं।
प्रोग्राम के तहत वो किस प्रकार से अपना बिजनेस स्टार्ट कर सकते हैं। उनको यह बिजनेस आपके एनजीओ को स्टार्ट करवाना है। आपने समाज की समस्या को आइडेंटिफिकेशन करके उन 20 लोगों को बोला कि आप अलग-अलग मसाले पीसने का काम शुरू करें।
फॉर एग्जांपल किसी ने हल्दी पाउडर बनाने का, किसी ने मिर्ची पाउडर बनाने का, किसी ने धनिया पाउडर बनाने का, किसी ने आटा पीसने का, किसी ने चावल का, किसी ने चिड़वा बनाने का, किसी ने बेसन बनाने का, किसी ने सात बनाने का। इस तरीके से आपने उन 20-22 लोगों का ग्रुप बना दिया।
सबको अलग-अलग यूनिट कैसे स्थापित करना है इसके लिए उन्हें इसकी ट्रेनिंग प्रोवाइड करा दिया। इसके लिए एक ट्रेनर हायर कर लीजिए। जरूरी नहीं है हर किसी को सब कुछ आता ही हो तभी आप उन्हें प्रशिक्षित करेंगे। इसके लिए आप एक प्रशिक्षक भी किराये पर ले सकते हैं।
जैसे अगर मेरा घर नहीं है तो मैं किराए के घर में रह सकता हूं। इसी समान आपको नहीं आता है आप एक प्रशिक्षक की सेवा किराये पर ले सकते हैं। प्रशिक्षक आगे उन सभी लोगों को प्रशिक्षण देगा।
उनको अपना बिजनेस कैसे शुरू करना है, Material की पहचान कैसे करनी है उसे कहां से उसे लेना है, मशीन कहां से आएगी, उसे चलाना कैसे है?
अब यहां पर एक बात ध्यान देने वाली है, फाइनेंस की। बिजनेस के लिए आप कहेंगे फाइनेंस नहीं है। आपके पास फंड है तो Financial Inclusion का काम Separately कर सकते हैं। नहीं है, तो आप उनको गवर्नमेंट के बहुत सारे योजनायें हैं।
आपने नाम सुना होगा पीएम मुद्रा लोन योजना का, पीएमईजीपी लोन योजना का, प्राइम मिनिस्टर एंप्लॉयमेंट जनरेशन प्रोग्राम स्कीम का, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना जहां पर सब प्रकार के यूनिट सेटअप करने के लिए कई लाख रुपए तक का लोन मिलता है।
बिना किसी गारंटी के और 35 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी है। इन सारे स्कीम्स में जोड़ करके वहां से लोन दिलवा सकते हैं।
अब सोचिए एक लोग को अगर एवरेज 25 लाख मिलता है 20 लोगों को तो कितना मिल गया 5 करोड़ का बिजनेस आपका शुरू हो गया करना क्या है अब यहां पर आप अपने एनजीओ के माध्यम से उनके प्रोडक्ट को आगे की संपर्कता प्रदान कर सकते हैं।
आप खुद मार्केटिंग कर सकते हैं या अलग से एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बना करके सबके प्रोडक्ट को एग्रीगेट करके एक ब्रांड क्रिएट करके आप बहुत बड़ा एंपायर खड़ा कर सकते हैं किसी और के पैसे पर।
आपका इन्वेस्टमेंट नहीं लगेगा तो इस प्रकार से बहुत सारे आइडियाज है सोशल एंटरप्राइज के।
आप सभी लोग जानते हैं दिव्य मंदिर योग ट्रस्ट बाबा रामदेव जी का Zero Investment से शुरू किया हुआ कारोबार आज 40000 करोड़ का वार्षिक कारोबार बन गया है।
पतंजली क्या है एक सोशल एंटरप्राइज ही तो है। अमूल इससे अधिक 60000 करोड़ पर पहुंच गई विश्व की सबसे बड़ी डेयरी फार्मिंग कंपनी बन गई कैसे?
Judge All Are Social Enterprises... उन्होंने समाज की किसी समस्या को देखा और उसको सॉल्व किया No one in history created a drawer navigator without solving a society problem.
जिसने किसी समस्या का समाधान किया, इतिहास उसी ने रचा है। जिसने समाज के किसी समस्या का समाधान किया है बिना समाज के प्रॉब्लम को सॉल्व किए Nobody Creator Drawer Navigator. वहां से शुरुआत करिए आपके संस्था में पैसा बरसेगा। वित्तपोषण का एक स्वचालित स्रोत बन जाएगा। आप रहे ना रहे आपकी संस्था चलती रहेगी।
यानी आपका राम नाम सत्य हो सकता है लेकिन आपके संस्था का राम नाम सत्य कभी नहीं होगा।
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