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क्या ईश्वर है? Kya Ishwar Hai?

The Bhramjaal में एक बार फिर आपका स्वागत है। आज की चर्चा में हम जानेंगे कि Kya Ishwar Hai? क्या ईश्वर है? दुनिया के बहुसंख्यक लोग जिस पर वि...

Kya-Ishwar-Hai

The Bhramjaal में एक बार फिर आपका स्वागत है। आज की चर्चा में हम जानेंगे कि Kya Ishwar Hai? क्या ईश्वर है?

दुनिया के बहुसंख्यक लोग जिस पर विश्वास करते हैं वह है, ईश्वर। यह एक विडम्बना है कि आज तक न तो ईश्वर को किसी ने देखा है और न ही जाना है। फिर भी उसके स्वरूप कि अनेक कल्पनाएँ गढ़ ली गई हैं। जब ये कल्पनाएँ भी जवाब मांगने लगी तो 'नेति नेति' कह कर संतोष (?) कर लिया गया।

ईश्वर का जन्म कब हुआ?

ईश्वर की उत्पत्ति को समझने के लिए हमें समय काल में पीछे जाना होगा। यहां हम अपनी बात ऋग्वेद काल से शुरू करना ठीक समझते हैं। क्योंकि ऋग्वेद कि स्तुतियाँ इस बात कि द्योतक हैं कि मनुष्य तब यह नहीं समझ पाता था कि घटित घटनाओं के पीछे क्या कारण है। वह रहस्यों कि वास्तविकता से अपरिचित था।

धर्म और धार्मिकों से एक सवाल?

सभी धर्म कहते हैं कि ईश्वर पूर्ण है। लेकिन फिर प्रश्न उठता है कि यदि ईश्वर पूर्ण है तो फिर उसने इस संसार की रचना क्यों की?

इसके जवाब में धार्मिको का एक सरल सा मत होता है कि सम्पूर्ण सर्वशक्तिमान ईश्वर की इच्छा हुई इसलिये उसने सृष्टि की रचना की।

अब प्रश्न उठता है कि यदि वह सर्वशक्तिमान और सम्पूर्ण है तो उसकी प्रत्येक रचना भी सम्पूर्ण होना चाहिये। उसकी रचना में किसी भी तरह की कमी नहीं होनी चाहिये। क्योंकि पूर्ण से तो पूर्ण ही निकलता है। जबकि सम्पूर्ण द्वारा निर्मित संसार तो अपूर्णताओं का समुच्चय है।

जो सम्पूर्ण होता है उसके न तो विकास की सम्भावना होती है और न ही उसका ह्रास ही होता है। लेकिन उस सम्पूर्ण द्वारा निर्मित संसार का नियम ही परिवर्तन का है। यहाँ अस्थिरता ही अस्थिरता है। जन्म, मृत्यु, विकास, क्षय तो इस संसार की बुनियादी विशेताएँ हैं। हर वक्त यहाँ कोई जन्म ले रहा है कोई मर रहा है।

अगर सर्वशक्तिमान सम्पूर्ण ईश्वर ने संसार बनाया है, अगर यह उस की अभिव्यक्ति है तो संसार भी सम्पूर्ण होना चाहिये! हर रचना अपने आप में सम्पूर्ण होनी चाहिये, बिना किसी विकार, कमी या नुक्स के। वो इसलिए कि पूर्ण से तो पूर्ण ही निकलता है, सम्पूर्ण ईश्वर की अभिव्यक्ति अपूर्ण कैसे हो सकती है?

मगर हम जानते हैं कि हमारा संसार सम्पूर्ण नहीं है- यह संसार तमाम तरह की अपूर्णताओं का समुच्चय है। संसार की अपूर्णता प्रमाणित करती है कि इसे किसी सम्पूर्ण ईश्वर ने नहीं बनाया। फिर भी यदि धर्म इसे ईश्वर के द्वारा बनाने के कुतर्क देता भी है तो यह तो प्रत्यक्ष प्रमाणित है कि वह ईश्वर निश्चित ही अपूर्ण है। धर्म या धार्मिक इसका तो कुतर्क भी नहीं गढ़ सकता।

क्या आप ईश्वर में विश्वास करते हैं?

मेरी राय में इसका उत्तर बेहद सीधा सा है, इस दुनिया के बारे में अपने ग्रह के इतिहास के बारे में, इसके विकास क्रम के बारे में जितना भी कुछ मैंने पढ़ा, सीखा व समझा है उन सारी चीजों को समझकर मैंने अपनी एक समझ बनाई है।

उस समझ के अनुसार ईश्वर, अल्लाह या गॉड का कोई अस्तित्व इस धरती और ब्रह्मांड में कहीं नहीं है। किन्तु इसी समय पर मैं यह भी मानता हूं कि ये सवाल काफी विवादास्पद है जिस पर बड़ी लंबी चर्चा हो सकती है।

जो लोग इस बारे में कोई अन्य राय रखते हैं। मैं उन सभी लोगों की राय का सम्मान करता हूं। अगर आप में से किसी को लगता है कि ईश्वर, अल्लाह या गॉड का अस्तित्व है, तो मैं आपकी बात का सम्मान करता हूं। क्योंकि, ये कोई ऐसा सवाल नहीं है जिस का बड़ी आसानी से उत्तर दिया जा सके। साथ ही मैं यह भी कहना चाहूंगा कि मैं दुनिया के सभी धर्मों का आदर करता हूं और उनके महत्त्व को भली-भांति समझता हूं।

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