द भ्रमजाल में एक बार फिर आपका स्वागत है। आज की चर्चा में हम जानेंगे कि किसी से मि लने जाओ तो वह अपना घर क्यों दिखाता है? Kisi se milane jao...
द भ्रमजाल में एक बार फिर आपका स्वागत है। आज की चर्चा में हम जानेंगे कि किसी से मिलने जाओ तो वह अपना घर क्यों दिखाता है?
Kisi se milane jao to vah apna ghar kyon dikhata hai?
यह संसार अस्थायी है, इस में घर बनाने जैसा स्थायी कार्य तो बिल्कुल बेमतलब का लगता है। सोचता हूं... आज हूं, कल तो चले जाना है फिर घर बनाने की इतनी जहमत क्यों उठाऊँ? हमारा जीवन तो क्षण भंगुर है यहां किसी को कुछ पता नहीं, कि उसके साथ अगले पल क्या होगा?
आप घर बनाने के लिये मजबूत से मजबूत चीजों का इस्तेमाल करते हैं। जिन सामानों का इस्तेमाल करते हैं वह आपके मरने के बाद भी इस संसार में बचा रह जाता हैं वो हमारे संसार में आने का सबूत छोड़ता है। ये कार्बन फुट प्रिंट की तरह है।
जैसे मिट्टी की ईंट आग में पकती हैं तो उतनी मिट्टी खेती के लिए बेकार हो जाती है। इस तरह आप अपने जीवन में बहुत सारी खेती योग्य मिट्टी हमेशा के लिए बेकार करके मर जाते हैं।
बनने को तो मकान मिट्टी और बांस का भी बन सकता है, मिट्टी का बना मकान आपके मरने के बाद मिट्टी में मिल जाएगा। बांस भी मिट्टी बन जाएगा और आपका कोई चिन्ह संसार में नहीं बचेगा।
जबकि लोग अपना मकान बनाने में खूब सारा सीमेंट, स्टील, कांच और टाइल्स लगाते हैं, खूब सुंदर, पक्का मकान बनाते हैं और कुछ समय बाद मर जाते हैं।
मकान आपके जीवन में इतना महत्वपूर्ण क्यों है?
बारिश, सर्दी-गर्मी से बचाने के लिए या फिर आपकी सुरक्षा के लिए। यह काम तो सादी मिट्टी का एक मकान भी कर सकता है।
लोग कहते हैं बच्चों के लिए मकान बनाना जरूरी है। इस तर्क से तो फिर अडाणी या अंबानी का अपने बच्चों के लिए धन-संपत्ति जमा करने का लोभ भी Justified हो जाता है।
मैं बहुत सारे शहरों में जाता रहता हूं, वहां आज बहुत से मकान खाली पड़े हुए हैं। वो मकान मां-बाप अपने बच्चों के लिए कुछ सोचकर ही बनाए होंगे, लेकिन मां-बाप के बनाए पुराने तरीकों के मकान आज के बच्चे पसंद नहीं करते या तो वह दूसरे शहर चले जाते हैं या उसी शहर में नया मकान बना लेते हैं।
अपनी जिंदगी के तौर-तरीके बच्चों पर क्यों लादना चाहते हैं?
हो सकता है, आपका बच्चा जिंदगी भर घूमने-फिरने वाली जिंदगी पसंद करता हो, वह मकान बनाने में यकीन ही ना रखने वाला हो।
आप अपने विचार और निर्णय अपने बच्चों पर लादने की कोशिश क्यों करते हैं?
लोग कहते हैं दुश्मन से बचाव के लिए पक्के मकान जरूरी है। मैं कहता हूं दुश्मन वाला संसार इसलिए है क्योंकि आप जैसे लोग लोभी हैं। लोभ का आधार संग्रह और विलासिता है, गांधी ने भी युद्ध का कारण लोभ बताया था।
हिंसा के मूल दो ही कारण हैं, लोभ और घृणा।
घृणा हम उन से करते हैं जो हमारे लोभ के पूरा होने में बाधा होते हैं। कई बार मैं जब किसी से मिलने जाता हूं और लोग कहते हैं। आइए हमारा घर देख लीजिए, तो मैं उसे बिल्कुल बे-मन से देखता हूं। लोग कहते हैं देखिए, यह मेरा बेडरूम है यह बेड मैंने इतने हजार का बनवाया इसमें फलानी सागौन की लकड़ी इस्तेमाल की है।
मैं सोचता हूं कि आपके सोने की जगह इतनी महत्वपूर्ण क्यों होनी चाहिए?
आप कहां सोते हैं इस बात से किसी को क्या लेना-देना?
महत्वपूर्ण तो यह होना चाहिए कि आप जागने के बाद अपने आसपास के लोगों के साथ कितने प्रेम से रहते हैं। आप संसार को अच्छा बनाने के लिए क्या कर रहे हैं, इसके बारे में आप मुझसे बात करें तो मुझे उस में रुचि होगी।
ना तो मुझे अपने सोने की जगह दिखाने में कोई रुचि है, ना मुझे आपके सोने की जगह देखने में।
यह संसार बहुत मज़ेदार है, लेकिन आप इसका मज़ा लेना नहीं जानते। और जिन चीज़ों में कोई मजा नहीं है, उसमें मज़ा खोजते हैं।
(साभार - हिमांशु कुमार)
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