The Bhramjaal में एक बार फिर आपका स्वागत है। आज की चर्चा में हम जानेंगे एक किताब Vitamin Zindagi के बारे में। लेखक- Lalit Kumar बताते हैं...
The Bhramjaal में एक बार फिर आपका स्वागत है। आज की चर्चा में हम जानेंगे एक किताब Vitamin Zindagi के बारे में।
लेखक- Lalit Kumar बताते हैं कि Vitamin Zindagi एक किताब नहीं बल्कि एक जीवन है- एक ऐलान है कि इंसान परिस्थितियों से कैसे जीत सकता है।
Vitamin Zindagi किताब में क्या है?
हम सब के अंदर ढेर सारा ऊहा-पोह है, हम भ्रमित हैं, हम भविष्य को लेकर डरे हुए और चिंतित हैं, हमें पता नहीं है कि हम यहाँ क्यों हैं? ढेर सारे सवाल हमारे ही इर्दगिर्द मकड़ी के जालों की तरह फैले हुए हैं, जिसका जवाब हम निरंतर खोज रहे हैं। जीवन में एक के बाद एक समस्याएँ आती रहती हैं। और आपको लगता है कि आपके ज़िन्दगी की समस्याएँ खत्म नहीं होंगी?
तो क्या आप ज़िन्दगी से हार मान रहे हैं? जिस तरह शरीर को विभिन्न विटामिन चाहिए, उसी तरह मन को भी आशा, विश्वास, साहस और प्रेरणा जैसे विटामिनों की ज़रूरत होती है। लेखक- ललित कुमार इन सभी को मन-विटामिन कहते हैं। हमारा सामना समस्याओं, संघर्ष, चुनौतियों और निराशा से होता ही रहता है। ज़िन्दगी की जंग जीतने के लिए जरूरी है Lalit Kumar की ये किताब Vitamin Zindagi का होना।
विटामिन ज़िन्दगी की चंद मार्मिक पंक्तियाँ
- बैसाखियों पे सधी ज़िन्दगी
- बैसाखियों पे बंधी ज़िन्दगी
- बैसाखियों पे चली ज़िन्दगी
- बैसाखियों से बनी ज़िन्दगी
- बैसाखियों पे खड़ी ज़िन्दगी
- बैसाखियों पे लड़ी ज़िन्दगी
- बैसाखियों से बड़ी ज़िन्दगी
एक बच्चा जिसके दोनों पैर 4 साल की उम्र में ही पोलियो ग्रसित हो गये, कैसे जूझते हुए उसने हमारे समाज में अपना एक अहम मुकाम बनाया, यह किताब उसी की कहानी कहती है। जीवन में आने वाली तमाम चुनौतियों को लेखक ने किस तरह अवसर में बदला, यह उसी सकारात्मकता की कहानी है।
Lalit Kumar |
बीमारी या दुर्घटना किसी व्यक्ति को शारीरिक रूप से विकलांग बना सकती है, लेकिन उसे अक्षम या अयोग्य हमारा समाज बनाता है!
विटामिन ज़िन्दगी के कुछ संपादित अंश
“पोलियो के शिकार क़रीब 50% लोगों को Post Polio Syndrome (P.P.S.) का सामना करना पड़ता है। चूँकि P.P.S. का प्रमुख लक्षण माँसपेशियों की कमज़ोरी और थकान है, इसलिए इस स्थिति को पहचान कर पाना काफ़ी कठिन होता है।”
“यह तय करना मुश्किल होता है कि कमज़ोरी P.P.S. के कारण है या कोई अन्य बीमारी (या उम्र) माँसपेशियों को कमज़ोर कर रही है।”
“P.P.S. होने पर पीड़ित व्यक्ति को लगातार थकान रहती है, माँसपेशियाँ पहले जितना काम नहीं कर पाती और माँसपेशियों व जोड़ों में दर्द बना रहता है। P.P.S. प्रगतिशील है, यानी यह स्थिति समय के साथ और अधिक बिगड़ती है। इस समस्या का कोई इलाज नहीं है।”
“डॉक्टरों की सलाह केवल यह होती है कि शरीर को थकाया न जाए, ऐसे हल्के व्यायाम किए जाएँ जिनसे थकान न हो, संतुलित आहार लिया जाए, वज़न को बढ़ने से रोका जाए, और व्हीलचेयर जैसी चीज़ों का प्रयोग किया जाए।”
Unusual Extraordinary - Lalit Kumar |
असामान्य से असाधारण तक का सफ़र
मित्र Lalit Kumar का सफ़र ‘असामान्य से असाधारण’ तक का सफ़र है। पोलियो जैसी बीमारी ने उन्हें सामान्य से असामान्य बना दिया, लेकिन अपनी मेहनत और जज़्बे के बल पर उन्होंने स्वयं को साधारण भीड़ से इतना अलग बना लिया कि वे असाधारण हो गए। इसी सफ़र की कहानी समेटे यह किताब ज़िन्दगी के विटामिन से भरपूर है। इस किताब में सभी के लिए कुछ-न-कुछ है जो हमें हर तरह की परिस्थितियों का सामना करना सिखाता है।
आज कुछ अच्छा पढ़ना चाहते हैं तो विटामिन ज़िंदगी Mobile में Amazon Kindle पर पढ़ सकते हैं। या यहां से विटामिन जिंदगी बुक पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं।
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E-Book Title | Vitamin Zindagi |
Country of Origin | India |
Publisher | HindYugm |
Paperback Published Date | 01 Jan 2019 |
Author | Lalit Kumar |
Language | Hindi |
Rating | 320 |
Paperback Price | 198.00 |
Paperback Page | 256 Page |
Paperback Dimensions | 13.97 x 2.54 x 20.96 cm |
Paperback Weight | 590 gram |
PDF Size | 2.18 mb |
Download Source | www.indianpdf.com |
PDF Download Link | Avaliable |
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