Meditation से क्या मिलता है? अक्सर लोग पूछते हैं कि ध्यान (Meditation) करने से क्या लाभ मिलेगा? क्या बिजनेस अच्छा बढ़ेगा? क्या इस से स्वास्थ्...
Meditation से क्या मिलता है?
दरअसल समृद्धि दो तरह की होती है- आतंरिक और बाह्य ।
सिर्फ बाहरी धन एकत्रित करने वाला व्यक्ति भीतर से कभी समृद्ध नहीं हो सकता।
ओशो से भी अक्सर इस तरह के सवाल पूछे जाते थे। वह कहते थे कि जैसे ही व्यक्ति भीतर से समृद्ध होता है, उस में से हीनता का भाव अपने ही चला जाता है। तो जिन-जिन बाहरी कामों में उस हीनता की वजह से बाधा आती थी, वह फिर कभी नहीं आएगी। जैसे ही इंसान अंदर से समृद्ध होता है, उसे अपने ऊपर ऐसा विश्वास आ जाता है, जैसा पहले कभी नहीं आता था। खुद पर भरोसा न करने के कारण जीवन में उसने जितने नुकसान उठाए, वे अब उसे नहीं उठाने पड़ेंगे। असली आंतरिक समृद्धि पाने पर, जीवन ऐसा रससिक्त हो जाता है कि उस में से क्रोध, वैमनस्य और क्षुद्रता का धुआं उठना बंद हो जाता है।
एक और मूल्यवान बात ये है कि भीतर से जीवन समृद्ध हो, तो व्यक्ति आस्तिक हो जाता है। यहां आस्तिकता किसी भगवान को मानना नहीं है, असल में यह एक तरह की तृप्ति वाली भावदशा है, भीतर ही उसे इतना मिल गया है कि अब हृदय से केवल धन्यवाद उठता है। और असली आंतरिक आनंद जब मिलता है, तब चित्त से इनकार नहीं उठता, सभी चीजों के प्रति स्वीकार उठता है। दरअसल, जब तक हम जगत से लड़ते रहते हैं, हर उस बात का विरोध करते हैं जो हमें समझ में नहीं आता तब तक ये जगत भी हमसे लड़ता रहता है। विरोध करता रहता है जिस दिन हम जगत से लड़ना बंद कर देते हैं, विरोध बंद कर देते हैं उस दिन से जगत भी हमसे लड़ना बंद कर देता है।
इसलिए ध्यान (Meditation) का फूल हृदय में अपने आप खिलने दें! इस के बाद आप जैसा समृद्ध व्यक्ति कोई नहीं होगा।
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